भूखे धन के नहीं है मेरे श्याम जीभाव भक्ति व श्रद्धा सुमन चाहिएदेंगे दर्शन जरुरी तुझे एक दिनउनसे मिलने की मन में लगन चाहिए छोड़ अपना सिंघासन वो दौड़े चलेफिर सुदामा लगाया था अपने गलेउनके चरणों में सब कुछ समर्पण करोप्रेम से करना सुमिरन भजन चाहिए भेट केवट से कर राम हर्षाये थेबेर भीलनी के खाने चले आये था थेऐसा …
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