वनगमन के समय सेवा में चलने के लिए श्रीसीता जी का जब आग्रह देखा गया, तब उनकी शारीरिक सुकुमारता आदि के स्नेह से जैसी प्रेमपूर्ण शिक्षादी गयी, वह स्नेह की सीमा का सूचक है । परंतु जब यह लक्षण देखने में आया कि सीता जी को यदि हठ करके रोका गया तो इनके प्राण ही नहीं बचेंगे तब उनको प्रेमपूर्वक …
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Jai Lakshmi Ramana-जय लक्ष्मी रमना
ॐ जय लक्ष्मी रमना, स्वामी जय लक्ष्मी रमणासत्य नारायण स्वामी, जन पातक हरणा, ॐ जय लक्ष्मी रमना… रतन जड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजेनारद करत निरंतर, घंटा ध्वनि बाजे, ॐ जय लक्ष्मी रमना… प्रगट भए कलि कारण, द्विज को दरश दियोबूढो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो, ॐ जय लक्ष्मी रमना… दुर्बल भील कराल जिन पर कृपा करीचंद्रचूड़ एक राजा जिनकी …
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