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Tag Archives: brahma

जीवन का अनमोल संदेश

आपने यह कथा पहले भी कभी न कभी जरूर पढ़ी होगी लेकिन धार्मिक कथाएं सिर्फ कथाएं नहीं हैं,ज्ञान का अक्षय भंडार हैं. वृकासुर की इस कथा में कई अनमोल संदेश छिपे हैं जो शिवजी और श्रीहरि ने दिए हैं. ये संदेश ये सीख हमारे जीवन के लिए बड़ी उपयोगी है. आप कथा पूरी पढ़ें, कथा का आनंद भी मिलता रहेगा …

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भगवान विष्णु के दस अवतार

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राम अवतार श्रीहरि के जय–विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा …

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SHIVA

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      Shiva(शिव) is one of the principal deities of Hinduism. He is the supreme God within Shaivism, one of the three most influential denominations in contemporary Hinduism. Shiva is “the transformer” within the Trimurti, the Hindu trinity that includes Brahma and Vishnu. In Shaivism tradition, Shiva is the Supreme being who creates, protects and transforms the universe. In the …

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जयति जगद्गुरु गुरुवर की

bhakton ke pyaare duniya ke sahaare

जयति जगद्गुरु गुरुवर की, गावो मिलि आरती रसिकवर की। गुरुपद-नख-मणि-चन्द्रिका प्रकाश, जाके उर बसे ताके मोह तम नाश। जाके माथ नाथ तव हाथ कर वास, ताते होय माया मोह सब ही निरास। पावे गति मति रति राधावर की, गावो मिलि आरती रसिकवर की॥ अरे मन मूढ़! छाँडु नारी नर हाथ, गुरु बिनु ब्रह्मा श्यामहूँ न देंगे साथ। कोमल कृपालु बड़े …

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चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला

kabeer bhajan

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला कुर्बान जाऊं उस वेला सुहावा जित तुम्हरे द्वारे आया चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला पार ब्रह्मा परमेश्वर सतगुरु आपे कर नेहारा चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला चरण धूल तेरे सेवक मांगे तेरे दर्शन को बलेहारा चरण कमल तेरे धोए धोए …

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सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में

saare teerth dhaam aapake charanon mein

सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर धाम है ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार प्रणाम है कैसे करूँ मैं वंदना, ना स्वर है ना आवाज आज पृख्शा है मेरी, मेरी लाज राखो गुरु आप कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हसे हम रोए ऐसी करनी कर चलो, हम हसे जग रोए तीन लोक नव खंड में, गुरु से …

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गजानन हमारे घर आओ

gajaanan hamaare ghar aao

गजानन म्हारे घर आओ, विनायक म्हारे घर आओ, संग ल्याओ शुभ और लाभ गजानन रिद्ध-सिद्ध न ल्याओ.. गजानन म्हारे घर आओ… थे आओ प्रभु आओ गजानन ब्रह्मा जी न ल्याओ, विनायक ब्रह्मा जी न ल्याओ, वेदाँ क संग गायत्री माँ, वेदाँ क संग गायत्री माँ,  सरस्वती न ल्याओ ! गजानन म्हारे घर आओ.. थे आओ प्रभु आओ गजानन, विष्णु जी …

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परंपरा का निर्माण

जीवन के साथ आयुर्वेद का गहरा संबंध होने के कारण पितामह ब्रह्मा ने आयुर्वेद के पठन – पाठन की परंपरा स्थापित की । ब्रह्मा जी ने इस चिकित्सा – शास्त्र को अपने मानसपुत्र दक्ष को और दक्ष ने अश्विनीकुमारों को तथा अश्विनीकुमारों ने देवराज इंद्र को पढ़ाया । इस तरह यह परंपरा आजतक चलती चली आ रही है । यद्यपि …

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भगवान शिव के अवतार

Rakshak Parbhu

जो ब्रह्मा होकर समस्त लोकों की सृष्टि करते हैं, विष्णु होकर सबका पालन करते हैं और अंत में रुद्ररूप से सबका संहार करते हैं, वे सदाशिव मेरी परमगति हों । शैवागम में रुद्र के छठें स्वरूप को सदाशिव कहा गया है । शिवपुराण के अनुसार सर्वप्रथम निराकार परब्रह्म रुद्र ने अपनी लीला शक्ति से अपने लिए मूर्ति की कल्पना की …

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वसंत पंचमी के दिन क्यों होती हैं विद्या की देवी की पूजा ?

Saraswati Pooja

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है । इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है । सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने जीवों, खासतौर पर मनुष्य योनि की रचना की । अपनी सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे । उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है जिसके …

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