ब्रह्मा जी श्रीभगवान से कहते हैं – ‘हे देव ! जो लोग आपके उभय चरण – कमलों के प्रसाद का लेथ पाकर अनुगृहीत हुए हैं, वे भक्तजन ही आपकी महिमा के तत्त्व को जान सकते हैं, उनके सिवा अन्य कोई भी चिरकाल तक विचार करने पर भी आपके तत्त्व को नहीं जान सकता ।’ यमराज अपने दूतों से कहते हैं …
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हरी भक्ता सांता जाले हो अनेका
हरी भक्ता सांता जाले हो अनेका ध्या माजी निशटांका कामहीं एका सुखवामदेव स्ोवनका नारादा अजामीला प्रहलादा विभीषना ध्रवा पारासरा व्यासा पुंदलीका आजूना वाल्मीका अंबरीशा रुक्माँगता भीष्मा भगताल्पा सूता स्िब्ि हनुमंता परीक्षिति कास्यापाध्ि अत्रि गोवठमा वासिष्ता भरध्वाजा सरएष्टा मार्कअँतेया बलि कृूपाचार्या इंद्रा सूर्या चंद्रा ब्रह्मा आनी रुढ़रा पूर्णा भक्ता सर्वांछा हा एका आहे मी किनकरा म्हाने ज्ञानेस्वरा वैष्णवासी ज्ञानेश्वरा माउली गुरु …
Read More »दत्तात्रेय जयंती Dattaatrey jayntee
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को दत्त जयंती के रूप में भी मनाई जाती है. मान्यता अनुसार इस दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों का स्वरूप माना जाता है. दत्तात्रेय में ईश्वर एवं गुरु दोनों रूप समाहित हैं जिस कारण इन्हें श्री गुरुदेवदत्त भी कहा जाता है. मान्यता अनुसार …
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