जब से गुरु दर्श मिला मनवा मेरा खिला खिला पूछो मेरे दिल से यह पैगाम लिखता हूँ, गुजरी बाते तमाम लिखता हूँ दीवानी हो जाती वो कलम, हे गुरुवर जिस कलम से तेरा नाम लिखता हूँ Read More »