मुजको तेरा सहारा साधा चाहियाए… याहा कुशिया है कम, और स्याधा है घाम जहा देखो वही है, अधम ही अधम मेरी महफ़िल मे जमा, जले ना जले मेरे दिल मे उजाला, तेरा चाहियाए मेरी ढेरी है चाल, और पाठ है विशाल हर कदम पर मुसिभात है, तू ही संभाल मेरे फेरे थके है, चले ना चले मेरे दिल मे बसेरा, …
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