साजन प्रीत लगाय के,दूर देश मत जाओ।बसो हमारी नगरी में,हम मांगे तुम खाओ।। हाल मेरे दिल का तमाम लिख देचिट्ठी जरा कान्हा जी के नाम लिख दे….. लिख दे कि कान्हा मेरा जिया बेकरार हैअंखियों में भीगी भीगी की कजरे की धार हैहोती नहीं सुबह से शाम लिख देचिट्ठी जरा कान्हा जी के नाम लिख दे….. मुझको सताया तूने सबसे …
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