मैने चुनरी सजाई रे, कृष्णा नाम की..(2) मेरी चूड़ी में कृष्णा, मेरी चुनरी में कृष्णा (2) मैने मेहनढ़ी रचाई रे, कृष्णा नाम की मेरी सांसो में कृष्णा, मेरी आँखों में कृष्णा..(2) मैने, माला बनाई रे कृष्णा नाम की…(2) मैने मेहनढ़ी रचाई रे, कृष्णा नाम की मेरे घाट घाट में कृष्णा, मेरे पनघट में कृष्णा..(2) मैने ज्योत जलाई रे, कृष्णा नाम …
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कभी फ़ुर्सत हो तो जगदंबे, निर्धन के घर भी आ जाना
कभी फ़ुर्सत हो तो जगदंबे, निर्धन के घर भी आ जाना, जो रूखा- सूखा दिया है मा, कभी उसका भोग लगा जाना, ना च्चात्रा बनाया सोने का, ना चुनरी घर मेी तारो जड़ी, ना पेड़ा, बरफी, मेवा है, श्रद्धा से नैन बिच्छाए रखी, ना च्चात्रा बनाया सोने का, ना चुनरी …
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