छुप छुप खड़े हो जरुर कोई बात हैदही की मटकियाँ में डारो काहे हाथ है, आँगन में छीके से मटकी उतार केकाहा चले कान्हा तुम घर को बिगाड़ के,गावल ने झपट पकड़ लीनो हाथ है,दही की मटकियाँ में डारो काहे हाथ है, सुन ऋ यशोदा मैया तेरो ये कन्हियाँ घेर आयो मटकी खोल आयो गईयाँ,घर को बिगाड़ दियो कियो उत्पात …
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