राम अवतार श्रीहरि के जय–विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा …
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राम भजो आराम तजो
राम भजो आराम तजो । राम ही शक्ति उपासना, राम ही शान्ति साधना । राम ही कार्य प्रेरणा, राम ही योग और धारणा । राम ही लक्ष्य है लक्ष्मण का, हनुमान जी के प्राण हैं ॥ राम सिया राम बोलो, राम सिया राम । जय रधुनन्दन, जय सिया राम । जानकी वलभ, राजा राम । दशरथ नंदन राजा राम । …
Read More »माता सुमित्रा
महाराजा दशरथ की कई रानियाँ थीं। महारानी कौसल्या पट्टमहिषी थीं। महारानी कैकेयी महाराजा को सर्वाधिक प्रिय थीं और शेष में श्री सुमित्रा जी ही प्रधान थीं। महाराज दशरथ प्रायः कैकेयी के महल में ही रहा करते थे। सुमित्रा जी महारानी कौसल्या के सन्न्किट रहना तथा उनकी सेवा करना अपना धर्म समझती थीं। पुत्रेष्टि –यज्ञ समाप्त होने पर अग्नि के द्वारा …
Read More »पलकों के झपकने के पीछे की कथा
पुराणों में छोटी-छोटी बातों का भी वर्णन आता है. हम समय-समय पर इनसे जुड़ी कथाएं लेकर आते रहते हैं. आज मैं आपको हमारी पलकों के झपकने के पीछे की कथा लेकर आया हूं. पलकें झपकने को लेकर देवी भागवत पुराण एवं अन्य पुराणों में एक कथा है. इस कथा का संबंध माता सीता के पूर्वजों से हैं. आज वह कथा …
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