दयालु हो दया करके सम्बालोकही हम डूब न जाए बचा लोदयालु हो दया करके सम्बालो…… ये गेहरा है समन्दर कही तूफ़ान का डर,ये विसराई है लेहरे इधर भी तो नजर करदयालु हो दया करके सम्बालो……. ये कैसा है अँधेरा समय जैसा है ठेहरा,रेहम कर दे एह मालिक के करदो अब सवेरादयालु हो दया करके सम्बालो…….. ये तेरा नाम है पावन …
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