राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग़ में वो खड़ी की खड़ी रह गयी । राम देखे सिया को सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ॥ यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग, ले धनुष दानवो को लगे काटने । एक ही बाण में ताड़का राक्षसी, गिर जमी पर पड़ी की पड़ी रह …
Read More »Tag Archives: Dekh
भावना की ज्योत को जगा के देख ले
भावना की ज्योत को जगा के देख ले बोलती है मूर्ती,बुला के देख ले सौ बार चाहे आजमा के देख ले बोलती है मूर्ती,बुला के देख ले आओ माँ…आओ माँ… आओ माँ…आओ माँ… करोगे जो सवाल तो जवाब मिलेगा यहां पुण्य-पाप सबका हिसाब मिलेगा भले-बुरे सबको पहचानती है माँ खरी-खोटी सबकी ही जानती है माँ श्रद्धा से सर को झुका …
Read More »कामली श्याम की कामली, नीमे कामली श्याम की कामली
रूप सलोना देख श्यामा का, सुध बुध मेरी कोई….3 नीमे कामली श्याम की कामली…2 सकी पंगत फॅट, यमुना की टाथफार लीकर पहुचि मटकी….||सकी|| बूल गयी साब, एक बाहर चाबी देखी नातकट की ||बूल|| देखता ही मे हुई बाउरी, उसी रूप मे कोई…2 नीमे कामली श्याम की कामली || कदम की नीचे, आकिया मीट कड़ा था नंद का लाला ||कदम|| मुख …
Read More »