“यह सच है तो अब लौट चलो तुम घर को |” चौंके सब सुनकर अटल कैकेयी स्वर को | सबने रानी की ओर अचानक देखा, बैधव्य-तुषारावृता यथा विधु-लेखा | बैठी थी अचल तथापि असंख्यतरंगा , वह सिंही अब थी हहा ! गौमुखी गंगा — “हाँ, जनकर भी मैंने न भारत को जाना , सब सुन लें,तुमने स्वयं अभी …
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भगवान मेरे घर आए थे
यह मेने सपना देखा था मुझे रात वो, दर्शन धे तो गये आशा वोंका, दर्पण धे तो गये जीने केलिए, कुछ और नया चुपकैसे वो, जीवन धे तो गये वो डीप अभी तक, रोशन है जो रात ही, भुजने वाला था.. || चंदन की कटोरी, खाली है माथे पे अभी तक, लगी है यह मेरी तारा ही, है अकीर …
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यह मेने सपना देखा था मुझे रात वो, दर्शन धे तो गये आशा वोंका, दर्पण धे तो गये जीने केलिए, कुछ और नया चुपकैसे वो, जीवन धे तो गये वो डीप अभी तक, रोशन है जो रात ही, भुजने वाला था.. || चंदन की कटोरी, खाली है माथे पे अभी तक, लगी है यह मेरी तारा ही, है अकीर फूल …
Read More »मेरे हंधाम मेरे हम नाशी, ले गये दिल मेरे बसुरी
मेरे हंधाम मेरे हम नाशी, ले गये दिल मेरे बसुरी तू ज़माने मे सबसे हसी…..न , ले गये दिल मेरे बसुरी वोह! तू ज़माने मे सबसे हसीन, ले गये दिल मेरे बसुरी जब से देखा टुजे मोहना, दिल मेरा कही लगेंा चल गये तेरी जादूगरी, ले गयी दिल मेरा बसुरी मेरे हंधाम मेरे हम नाशी, ले गये दिल मेरे बसुरी …
Read More »कृष्णा हो कृष्णा कृष्णा
जाब से मेने देखा तुजको..2 मिट गई मेरी तृष्णा तृष्णा जाब जब तेरा द्यान लगाउ मॅन मे अद्बूत सच पाउ कुछ और नॅब हॅव मॅन को बस तेरे पास से मे आऊ ||जब|| जाब से मेने देखा तुजको..2 मिट गई मेरी तृष्णा तृष्णा आऊ तुम मेरे आंजाइना मुजसे ना आंक चुराऊ कब से मे तुम्हे पुकारू इतना तुम ना तरसाऊ …
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