कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी की असुरों पर बड़ी कृपा थी। वे उनके वहां निवास करती थीं एक बार देवी लक्ष्मी स्वर्ग में रहने के लिए आई। तब इंद्र को बड़ा आश्चर्य हुआ। इंद्र ने देवी लक्ष्मी से पूछा- भगवती, आखिर ऐसा कौन सा कारण है कि आप असुरो को छोड़ स्वर्ग में रहने के लिए आई हैं। तब …
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वैष्णव देवी माँ शेरावाली
वैष्णव देवी माँ शेरावाली दुखिओं की करती है रखवाली भोग न मांगू, मोक्ष ना मांगू, धन दौलत कुछ भी ना जानू तुम कहलाती हो हिमालय सुपुत्री, ममता प्यार मांगू मतवाली नव रूपों में, नव कल्पना में, नव रसों में, नव ग्रहों में सृष्टि की रचना तेरी दृष्टि से, लालन पालन करती मेहरा वाली काल नाशिनी, दुःख हारिणि, शूल धारिणी, सिंह …
Read More »गणेश संकष्ट चतुर्थी व्रत
सभी महीनों की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी गणेश संकष्ट चतुर्थी कहलाती है। इसे वक्रतुंडी चतुर्थी, माही चौथ, तिल अथवा तिलकूट चतुर्थी व्रत भी कहते हैं। मंगलमूर्ति और प्रथम पूज्य भगवान गणेश को संकट हरण भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस चतुर्थी के दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से जहां सभी कष्ट दूर हो जाते …
Read More »वैष्णो देवी मंदिर
भारत में हिन्दूओं का पवित्र तीर्थस्थल वैष्णो देवी मंदिर है जो त्रिकुटा हिल्स में कटरा नामक जगह पर 1700 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर के पिंड एक गुफा में स्थापित है, गुफा की लंबाई 30 मी. और ऊंचाई 1.5 मी. है। लोकप्रिय कथाओं के अनुसार, देवी वैष्णों इस गुफा में छिपी और एक राक्षस का वध कर दिया। …
Read More »गणेश जी को दूर्वा(दूब) क्यों चढ़ाई जाती है ?
पौराणिक मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था। इस दैत्य के कोप से स्वर्ग और धरती पर त्राही-त्राही मची हुई थी। अनलासुर ऋषि-मुनियों और आम लोगों को जिंदा निगल जाता था। दैत्य से त्रस्त होकर देवराज इंद्र सहित सभी देवी-देवता और प्रमुख ऋषि-मुनि महादेव से प्रार्थना करने पहुंचे। सभी ने शिवजी से प्रार्थना की कि …
Read More »Mata vaishno devi jagaran
माता वैष्णो देवी की अमर कथा (Mata Vaishno Devi Hindi Story) Mata Vaishno devi story in Hindi : वैष्णो देवी उत्तरी भारत के सबसे पूजनीय और पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर पहाड़ पर स्थित होने के कारण अपनी भव्यता व सुंदरता के कारण भी प्रसिद्ध है। वैष्णो देवी भी ऐसे ही स्थानों में एक है जिसे माता का …
Read More »पलकों के झपकने के पीछे की कथा
पुराणों में छोटी-छोटी बातों का भी वर्णन आता है. हम समय-समय पर इनसे जुड़ी कथाएं लेकर आते रहते हैं. आज मैं आपको हमारी पलकों के झपकने के पीछे की कथा लेकर आया हूं. पलकें झपकने को लेकर देवी भागवत पुराण एवं अन्य पुराणों में एक कथा है. इस कथा का संबंध माता सीता के पूर्वजों से हैं. आज वह कथा …
Read More »आनन्दमयी माँ
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः || || 5.73|| (दुर्गासप्तशती) नमस्तेस्तु महारौद्रे महाघोरपराक्रमे । महाबले महोत्साहे महाभयविनाशिनि ॥ .. 16.. (दुर्गा कवच) बोलो श्री श्री आनन्दमयी माँ की जय | बोलो वृन्दावन बिहारी लाल की जय || आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ || आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ || जय गुरु माँ । जय गुरु …
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