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Tag Archives: dhan

छान्दोग्योपनिषद और श्रीकृष्ण

khud to baahar hee khade rahe

छान्दोग्योपनिषद् में वर्णित हैं कि – तद्धैतद घोर अांगिरस: कृष्णाय देवकीपुत्रायोक्त्वोवाचाऽपिपास एव स बभूव, सोऽन्तवेलायामेतत्त्रयं प्रतिपद्येतात्रितमस्यच्युतमसि प्राणास शितमसीति । अर्थात् देवकीपुत्र श्रीकृष्ण के लिए आंगिरस घोर ऋषि ने शिक्षा दी कि जब मनुष्य का अंत समय आये तो उसे इन तीन वाक्यों का उच्चारण करना चाहिए – (1) त्वं अक्षितमसि – ईश्वर ! आप अविनश्वर हैं (2) त्वं अच्युतमसि – …

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वेदमालिको भगवत्प्राप्ति

maanas se : navadha bhakti

प्राचीन काल की बात है । रैवत – मंवतर में वेदमालि नाम से प्रसिद्ध एक ब्राह्मण रहते थे, जो वेदों और वेदांगों के पारदर्शी विद्वान थे । उनके मन में संपूर्ण प्राणियों के प्रति दया भरी हुई थी । वे सदा भगवान की पूजा में लगे रहते थे, किंतु आगे चलकर वे स्त्री, पुत्र और मित्रों के लिए धनोपार्जन करने …

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करवा चौथ व्रत कथा  (Karavaa chauth vrat kathaa)

Karavaa chauth vrat kathaa

करवा चौथ के दिन व्रत कथा पढ़ना अनिवार्य माना गया है। करवा चौथ की कई कथाएं है लेकिन सबका मूल एक ही है। करवा चौथ की एक प्रचलित कथा निम्न है: करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi) महिलाओं के अखंड सौभाग्य का प्रतीक करवा चौथ व्रत की कथा कुछ इस प्रकार है- एक साहूकार के सात लड़के और …

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वे उस रूप में हमें प्राप्त नहीं होते जिस रूप में हम उनकी आशा करते हैं (we can’t see god in our expected form)

We can't see god in our expected form

एक बार एक युवक अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने वाला था।उसकी बहुत दिनों से एक शोरूम में रखी स्पोर्टस कार लेने की इच्छा थी। उसने अपने पिता से कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने पर उपहारस्वरूप वह कार लेने की बात कही क्योंकि वह जानता था कि उसके पिता उसकी इच्छा पूरी करने में समर्थ हैं।कॉलेज के आखिरी दिन उसके …

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