खो गई रे खो गई र ,मेरी धानी चुनरिया खो गई रेकित गई रे कित गई रे मेरी धानी चुनरिया खो गई रे श्याम बुलाओ रुदन मचाओ,गोकुल की गलियों में डंका बजाओप्रेम रंगी मेरी चुनर खो गई रत्न जड़ी मेरी चुनर खो गईघूम गई रे घूम गई रे तेरे नन्द की नगरिया में घूम गई रेखो गई रे खो गई …
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