भारतीय संस्कृति में संस्कार का साधारण अर्थ किसी दोषयुक्त वस्तु को दोषरहित करना है । अर्थात् जिस प्रक्रिया से वस्तु को दोषरहित किया जाएं उसमें अतिशय का आदान कर देना ही ‘संस्कार’ है । संस्कार मन:शोधन की प्रक्रिया हैं । गौतम धर्मसूत्र के अनुसार संस्कार उसे कहते हैं, जिससे दोष हटते हैं और गुणों की वृद्धि होती है । हमारे …
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