स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) जो दुख पता प्रभु से कहता, क्यू प्रभु तुम दुख देते हो …
Read More »Tag Archives: dharti
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है, किसको क्या देना है, यह सोच के आती है, मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है, पहले नवरात्रो में , मा सबकी खबर लेती है, दूजे नवरात्रो में आवने खाते मेी लिख लेती है, टीजे नवरात्रो में , बात आयेज बढ़ाती है, मैया नवरात्रो में जब …
Read More »कभी फ़ुर्सत हो तो जगदंबे, निर्धन के घर भी आ जाना
कभी फ़ुर्सत हो तो जगदंबे, निर्धन के घर भी आ जाना, जो रूखा- सूखा दिया है मा, कभी उसका भोग लगा जाना, ना च्चात्रा बनाया सोने का, ना चुनरी घर मेी तारो जड़ी, ना पेड़ा, बरफी, मेवा है, श्रद्धा से नैन बिच्छाए रखी, ना च्चात्रा बनाया सोने का, ना चुनरी …
Read More »