शास्त्रों में पूजा को हजारगुना अधिक महत्वपूर्ण बनाने के लिए एक उपाय बतलाया गया है। वह उपाय है मानस-पूजा, जिसे पूजा से पहले करके फिर बाह्य वस्तुओं से पूजा करें अथवा सुविधानुसार बाद में भी की जा सकती है। मन: कल्पित यदि एक फूल भी चढ़ा दिया जाय, तो करोड़ों बाहरी फूल चढ़ाने के बराबर होता है। इसी प्रकार मानस-चंदन, …
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तेरा मान मे राम तन मे राम
रोम रोम मे, राम राय राम सुमीर ले, ध्यान लगले छोड़ जगत के, काम राय बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम (2) माया मैं तू, उलजा उलजा, धार धार भूल उड़ाए अब क्यू करता, मान भारी जब, माया साथ छुड़ाए,(2) दिन तो बिता, दौड़ धूप मैं, ढाल जाए ना शाम रे, बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम …
Read More »तेरे मानमे राम
तेरे मन मे राम, तन्मे राम, रोम रोममे राम रे राम सुमिरले ध्यान लेगले, चोरह जगातके काम रे बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम जे2 ||1|| माया मे तू उलझा उलझा, धार धार धूल उरहाए अब केरता क्यू मान भारी जब माया साथ चुरहाए दिन तो बीता दौरह धूप मे, ढाल जाए ना शाम रे ||2|| टंके भीतर …
Read More »प्रमात्मा और किसान (God and the farmer)
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ,देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता …
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