ढूंढती फिरती हूँ तुझको कब मिलोगे सांवरेक्यों कहीं दीखते नहीं हो नैना हुए मेरे बावरेढूंढती फिरती हूँ तुझको ………. द्वारिका मथुरा गई मैं बरसाने गोकुल गईमीरा तो बी बन पाई ना देख रे क्या बन गईहे कन्हैया बंसी बजैया दुखने लगे मेरे पाँव रेढूंढती फिरती हूँ तुझको ………. आरज़ू देखूं तुझे अब मन कहीं लगता नहींदेख ली दुनिया तेरी पर …
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