हस के गुजारी जा ताने सहारी जा, गुरा जी दा नाम लेके, जिंदगी गुजारी जा | भरेया मेला चार दीना दा,आखिर खाली होना है, सुख में फिर क्यूँ हँसता मूरख,,दुःख में फिर क्यूँ रोना है, हस के गुजारी जा ताने सहारी जा, गुरा जी दा नाम लेके जिंदगी गुजारी जा | सुख में तेरा हर कोई साथी,दुःख में तेरा कोई …
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ऐसे हैं मेरे राम
ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम, विनय भरा ह्रदय करे सदा जिन्हें प्रणाम। ह्रदय कमल, नयन कमल, सुमुख कमल, चरण कमल, कमल के तुम तेज पुंज छवि ललित ललाम, ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम॥ राम सा पुत्र ना राम सा भ्राता, राम सा पति नहीं राम सा त्राता। राम सा मित्र ना राम सा दाता, …
Read More »पारस रे तेरी कठिन डगरिया
पारस रे तेरी कठिन डगरिया किस विधि मैं तोहे पाऊँ रे साँवरिया कठिन तेरा जिन रूप में आना कठिन तेरे शुभ दर्शन पाना कठिन हटाना श्री मुख से नजरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया सयम नियम कठिन व्रत तेरे, तेरी तरह सुन भगवन मेरे ओढ़ना कठिन ब्रह्मचर्य की चदरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया कठिन महल तज वन में जाना …
Read More »साईं क्या मिले सब कुछ मिल गए
मुझ को जमीन आसमान मिल गई, साईं क्या मिले सब कुछ मिल गए । मुझ को जमीन आसमान मिल गई, साईं क्या मिले हर ख़ुशी मिल गई ॥ कैसा बेअरुखा था जीवन कैसी बेबसी, रूठ गई थी मुझसे कब की हर ख़ुशी । मेहर हो गए मेहरबान मिल गए, साईं क्या मिले सब कुछ मिल गए ॥ हर जनम में …
Read More »थोड़ा ध्यान लगा साईं दौड़े दौड़े आएंगे
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे। अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे॥ हैं राम रमिया वो, हैं कृष्ण कन्हैया वो, वही मेरा साईं है। सत्कर्म राहों पे चलना सीखते वो, वही जगदीश हैं। प्रेम …
Read More »तेरा मान मे राम तन मे राम
रोम रोम मे, राम राय राम सुमीर ले, ध्यान लगले छोड़ जगत के, काम राय बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम (2) माया मैं तू, उलजा उलजा, धार धार भूल उड़ाए अब क्यू करता, मान भारी जब, माया साथ छुड़ाए,(2) दिन तो बिता, दौड़ धूप मैं, ढाल जाए ना शाम रे, बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम …
Read More »वो फूल ना अब तक चुना पाया
जो फूल चढ़ाने हैं तुझपर मैं तेरा द्वार ना ढूंड सका भटक रहा हूँ डगर डगर …. क्या दुख क्या सुख सब भूल मेरी मैं उलझा हूँ इन बातों में दिन खोया चाँदी-सोने में सोया मैं बेसूध रातों में तब ध्यान किया मैने तेरा टकराया पग से जब पत्थर मैं तेरा द्वार ना ढूंड सका भटक रहा हूँ डगर डगर …
Read More »Andhaa ghodaa/अँधा घोड़ा
शहर के नज़दीक बने एक farm house में दो घोड़े रहते थे. दूर से देखने पर वो दोनों बिलकुल एक जैसे दीखते थे , पर पास जाने पर पता चलता था कि उनमे से एक घोड़ा अँधा है. पर अंधे होने के बावजूद farm के मालिक ने उसे वहां से निकाला नहीं था बल्कि उसे और भी अधिक सुरक्षा और आराम …
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