कैसी शोभी बानी आज मेरे यार की, भानु की दुलारी, नन्द के कुमार की । कोई तुलना नहीं है मेरी सरकार की ॥ अति मतवारे नयन मेरे युगल के, करुणा की धारा या सों छल छल छलके । मैं वारि वरि जाऊं कजरे के धार की, कोई तुलना नहीं है मेरी सरकार की ॥ लाड़ली की साडी लाल, काछनी है …
Read More »