संस्कारश्री टी.एन. शेषन जब मुख्य चुनाव आयुक्त थे, तो परिवार के साथ छुट्टीयां बिताने के लिए मसूरी जा रहे थे। परिवार के साथ उत्तर प्रदेश से निकलते हुऐ रास्ते में उन्होंने देखा कि पेड़ों पर गौरैया के कई सुन्दर घोंसले बने हुए हैं। यह देखते ही उनकी पत्नी ने अपने घर की दीवारों को सजाने के लिए गौरैया के दो …
Read More »Tag Archives: Family
खुश रहने वाले लोग अपने चारो तरफ एक strong support system develop करते हैं:
खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है . आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश क्यों रहता है ? क्यों हम कहते हैं कि बचपन के दिन जिँदगी के सबसे अच्छे दिन होते हैं ? क्योंकि हम जन्म से खुश होते हैं ; पर जैसे -जैसे हम बड़े होते हैं और धीरे -धीर हमारी खुश रहने की आदत उदास रहने की आदत …
Read More »हम इसीलिए खो देते हैं शांति
एक हिन्दू सन्यासी अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचे। उन्होंने देखा कि वहां एक ही परिवार के कुछ लोग आपस में बात करते हुए एक दूसरे पर क्रोधित हो हो रहे थे। सन्यासी यह दृश्य देखकर रहा नहीं गया और उसने तुरंत अपने शिष्यो से पूछा कि क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों …
Read More »अरे, आज सूरज पश्चिम से निकल आया है क्या?
एकबार एक नव दंपत्ति नए घर में रहने पहुंचा। उनके घर की मुख्य खिड़की में शीशे लगे हुए थे, जिससे दूसरे घर की छत दिखाई देती थी। अगली सुबह पत्नी ने पति से कहा, देखो, सामने वाली छत पर कितने मैले कपड़े फैलाए हुए हैं। लगता है उन्हें कपड़े साफ करना भी नहीं आता। …
Read More »जानिए ताड़का का वध क्यों किया था श्रीराम ने
वाल्मीकि रामायण के ऐतिहासिक पात्रों में से एक हैं। उन्हीं में से एक थी ‘ताड़का’। ताड़का सुकेतु यक्ष की पुत्री थी, जो एक शाप के प्रभाव से राक्षसी बन गई थी। उसका विवाह सुंद नाम के दैत्य से हुआ था। ताड़का के दो पुत्र थे, उनके नाम थे सुबाहु और मारीच। ताड़का का परिवार अयोध्या के नजदीक एक जंगल में …
Read More »ऐसा करने से आपका आशियाना बन सकता है मंदिर
एक बार की बात है मगध के व्यापारी को व्यापार में बहुत लाभ हुआ। इसके बाद से वह अपने अधीनस्थों से अहंकारपूर्ण व्यवहार करने लगा। व्यापारी का अहंकार इतना प्रबल था कि उसके देखते हुए उसके परिजन भी अहंकार के वशीभूत हो गए। जब सभी के अहंकार आपस में टकराने लगे तो घर का वातावरण नर्क की तरह हो गया। …
Read More »जब एक शराबी ने पूछा, अंगूर अच्छे तो शराब बुरी क्यों!
बहुत पुरानी बात है। प्रसिद्ध संत तिरुवल्लुवर एक बार अपने शिष्यों के साथ कहीं चले जा रहे थे। रास्ते में आने-जाने वाले लोग उनके चरण स्पर्श करते हुए आगे की ओर बढ़ते जा रहे थे। तभी, एक शराबी झूमता हुआ उनके सामने आया और खड़ा हो गया। फिर उसने संत तिरुवल्लुवर से कहा, आप लोगों से यह क्यों कहते फिरते …
Read More »आखिर इंसान क्रोध में क्यों चीखते-चिल्लाते हैं?
एक सिद्ध बौद्ध भिक्षु अपने शिष्यों के साथ नगर भ्रमण पर निकले। उन्होंने देखा कि वहां एक ही परिवार के कुछ लोग आपस में बात करते हुए एक दूसरे पर क्रोधित हो रहे थे। यह दृश्य देखकर एक शिष्य से रहा नहीं गया। उसने तुरंत बौद्ध भिक्षु से पूछा क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों हैं? शिष्य कुछ …
Read More »दिल को दुनिया से न लगाएं
जैसे जैसे मेरी उम्र में वृद्धि होती गई, मुझे समझ आती गई कि अगर मैं Rs.300 की घड़ी पहनू या Rs.30000 की दोनों समय एक जैसा ही बताएंगी.. मेरे पास Rs.300 का बैग हो या Rs.3000 का इसके अंदर के सामान मे कोई परिवर्तन नहीं होंगा। मैं 100 गज के मकान में रहूं या 3000 गज के मकान में तन्हाई का …
Read More »सुखी जीवन का मूलमंत्र
जापान के सम्राट यामातो का एक राज्यमंत्री था। जिसका नाम था ‘ओ-चो-सान’। उसका परिवार सौहार्द के लिए बड़ा प्रसिद्ध था। हालांकि उसके परिवार में लगभग एक हजार सदस्य थे, पर उनके बीच एकता का अटूट संबंध था। सभी सदस्य साथ-साथ रहते और साथ-साथ ही खान खाते थे। फिर उनमें द्वेष कलह की बात ही कहां? ओ-चो-सान के परिवार के सौहार्द …
Read More »