निसदिन करता मैं नाम जपन तेरा, शिव शिव शिव शिव गुंजत मन मोरा । तुम हो मरे प्रभु, तुम ही कृपालु, करूँ समर्पण दीन दयालु ॥ तोरी जटा से बहती पवित्रता, तीन्ही लोको के तुम हो दाता । डमरू बजाया, तमस भगाया, जड़ चेतन को तुम्ही ने जगाया ॥ अलख निरंजन शिव मोरे स्वामी, तुम ही हो मेरे अंतरयामी । …
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स्वर्ग नर्क सब इस धरती पे
नही गगन के देखो पार अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार स्वर्ग नर्क सब इस धरती पे नही गगन के देखो पार अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार जो दुख पता प्रभु से कहता क्यू प्रभु तुम दुख देते हो हमने किया नही कुच्छ एसा फिर क्यू नही …
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स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) जो दुख पता प्रभु से कहता, क्यू प्रभु तुम दुख देते हो …
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