ना चाहते हुए भी धीरे धीरे उनसे लगाव कम होता जा रहा है। मैं चाहता हूँ कुछ देर बैठूँ उनसे बातें करूँ पर वो एक ही बात की रट लगाने लग जाते हैं। उन्हें लगता है मैंने सुना नहीं। सुनाई उन्हें कम देता है तो मुझे भी कुछ कहने के लिए जोर से बोलना पड़ता है या एक ही बात …
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छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥ आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल। बीच में मेरो मदन गोपाल॥ कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल। श्याम वरण मेरो मदन गोपाल॥ घास खाए गैया, दूध पीवे ग्वाल। माखन खावे मेरो मदन गोपाल॥ छोटी छोटी लकुटी, छोटे छोटे हाथ। बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल॥ प्यारी प्यारी गोपियां …
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