निम्नलिखित बातें माता के गर्भ में ही निश्चित हो जाती है…. १. व्यक्ति कितने साल जियेगा २. वह किस प्रकार का काम करेगा ३. उसके पास कितनी संपत्ति होगी ४. उसकी मृत्यु कब होगी . पुत्र , मित्र, सगे सम्बन्धी साधुओं को देखकर दूर भागते है, लेकिन जो लोग साधुओं का अनुशरण करते है उनमे भक्ति जागृत होती है और …
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परिवर्तन ही जीवन
शरीर कभी एकरूप रहता ही नहीं और सत्ता कभी अनेकरूप होती ही नहीं । शरीर जन्म से पहले भी नहीं था, मरने के बाद भी नहीं रहेगा तथा वर्तमान में भी वह प्रतिक्षण मर रहा है । वास्तव में गर्भ में आते ही शरीर के मरने का क्रम (परिवर्तन) शुरू हो जाता है । बाल्यावस्था मर जाएं तो युवावस्था आ …
Read More »शिव जी का हनुमान के रूप में अवतार
एक समय की बात है, भगवान शिव ने भस्मासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान दे दिया कि तुम जिसके सिर पर अपना हाथ रख दोगे, वह जल कर भस्म हो जायेगा । भस्मासुर ने पार्वती के सौंदर्य पर मोहित होकर उन्हें प्राप्त करने के लिए भगवान शिव को भस्म करने का उपक्रम किया । उस समय भगवान विष्णु …
Read More »भगवान शिव का हरिहरात्मक रूप
एक बार सभी देवता भगवान विष्णु के पास गये और उन्हें नमस्कार करने के बाद संपूर्ण जगत के अशांत होने का कारण पूछा । देवताओं के प्रश्न करने पर भगवान विष्णु ने कहा – ‘देवताओं ! हम तुम्हारे इस प्रश्न का यथोचित उत्तर नहीं दे सकते । हम सभी लोगों को एक साथ मिलकर भगवान शंकर के पास चलना चाहिए …
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