1. इस दुनिया मे ऐसा किसका घर है जिस पर कोई कलंक नहीं, वह कौन है जो रोग और दुख से मुक्त है.सदा सुख किसको रहता है? २. मनुष्य के कुल की ख्याति उसके आचरण से होती है, मनुष्य के बोल चल से उसके देश की ख्याति बढ़ती है, मान सम्मान उसके प्रेम को बढ़ता है, एवं उसके शारीर का गठन उसे भोजन …
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दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का
नाकोड़ा वाले सुन लेना एक सवाल दीवाने का, अगर समझ में आ जाए, तो भक्तो को समझा देना । हमने अपना नियम निभाया, नाकोड़ा पैदल आने का, दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥ नाकोड़ा वाले सुन लेना एक सवाल दीवाने का, अगर समझ में आ जाए, तो भक्तो को समझा देना । हमने अपना नियम …
Read More »भवानी मेरे घर आवो
घर आवो मेरे घर आवो, तेरे मैं दर्शन पाऊं, भवानी मेरे घर आवो आवो जी आवो ना देरी लगाओ तेरे मैं बलि बलि जाऊं , भवानी मेरे घर आवो चनदन की चौंकी बनवाऊँ फूलो से श्रृंगार करौं शंख और घड़ियाल बजाऊं रूचि रूचि भोग लगाउन, भवानी मेरे घर आओ पहन के आना सुहा सुहा बाना वीर लौन्कडे को संग …
Read More »मेरे घर में भी आजाओ मेरी रानी माँ
मेरे घर में भी आजाओ मेरी रानी माँ मेर रानी माँ, मेरी रानी माँ मुझे आ कर दरश दिखाओ मेरी रानी माँ जय जय शेरा वाली माँ, जय जय महरा वाली माँ आ जाओ माँ शेरों वाली आपको रोज बुलाऊँ गोद में रख के सर अपना मैं दिल का हाल सुनाऊँ मुझे अपने पास बिठाओ, मेरी रानी माँ मेरे घर …
Read More »साईं नाथ को प्रणाम
साईं नाथ को प्रणाम,शिरडी वाले को प्रणाम, जो भी इसके द्वारे आया बनते बिगड़े काम, साईं नाथ को प्रणाम,शिरडी वाले को प्रणाम, सबकी विनती पल में सुनता ना लगता देरी, मेरे भी घर आके साईं,तू लगा दे फेरी, पल भर में जो तारे साईं,वो है तेरा नाम, साईं नाथ को प्रणाम,शिरडी वाले को प्रणाम, शिरडी वाला मेरा साईं,सारे जग से …
Read More »हे हनुमान बहू बलवान भक्ति ज्ञान वराग्य की खान
हे हनुमान बहू बलवान, भक्ति ज्ञान वराग्य की खान |संकट मोचन तू कहलाये | राम बिना तुझे कुछ ना भाये | तेरा द्वार जो भी खटकाये, बिन कुछ पाए घर नहीं जाए || दुर्बल को बलवान बनाये | हर संकट पल मे टल जाए | तेरा गान करे जो कोई, उसे ना कोई विपदा होई || हर मुश्किल आसन तू …
Read More »आखिरी काम !
एक बूढ़ा कारपेंटर अपने काम के लिए काफी जाना जाता था , उसके बनाये लकड़ी के घर दूर -दूर तक प्रसिद्द थे . पर अब बूढा हो जाने के कारण उसने सोचा कि बाकी की ज़िन्दगी आराम से गुजारी जाए और वह अगले दिन सुबह-सुबह अपने मालिक के पास पहुंचा और बोला , ” ठेकेदार साहब , मैंने बरसों आपकी सेवा …
Read More »महात्मा की कृपा
पुण्यभूमि आर्यावर्त के सौराष्ट्र – प्रांत में जीर्णदुर्ग नामक एक अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक नगर है, जिसे आजकल जूनागढ़ कहते हैं । भक्तप्रवर श्रीनरसिंह मेहता का जन्म लगभग सं0 1470 में इसी जूनागढ़ में एक प्रतिष्ठित नागर ब्राह्मण परिवार में हुआ था । उनके पिता का नाम था कृष्णदामोदर दास तथा माता का नाम लक्ष्मी गौरी । उनके एक और बड़े …
Read More »रंगा दे चुनरिया
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2) ऐसी रंग दे के रंग नही छूटे धोबिया दूए चाहे ये सारी उमारिया (2) लाल ना रंगउ मेी,हरी ना रंगउ अपने ही रंग मे रंग दे चुनरिया (2) बिना रनगाए मई तो घर नही जावोंगी बिना…. रनगाए मई तो घर नही.. जावोंगी बीट ही जाए जाहे, ई सारी उमारिया मीरा के प्रभु गिरिधर …
Read More »सब से ऊँची प्रेम सगाई
सब से ऊँची प्रेम सगाई दुर्योधन की मेवा त्यागी, साग विदुर घर पाई जूते फल सबरी के खाए, बहू विधि प्रेम बधाई प्रेम के बस नृिप सेवा कीन्ई, आप बने हरी नाई राजसूया यगना युधिष्ठिर कीनो, तामे जूत उठाई प्रेम के बस अर्जुन रात हांकयो भूल गये ठाकुरई ऐसी प्रीति बढ़ी, वृंडाबन गोपीन नाच नाचाई सूर बानी एही लायक नाहीं, …
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