गीता के दूसरे अध्याय का महत्व श्री नारायण जी बोले-हे लक्ष्मी! दक्षिण देश में एक पूर्ण नाम नगर था। वहां एक देव सुशर्मा बड़ा धनवान रहता था, वह साधु सेवा करता था। जब साधु सेवा करते हुए बहुत दिन बीते, तब एक बाल नाम ब्रह्मचारी आया। जिसकी सुशर्मा ने बहुत सेवा की और विनय किया कि हे संतजी! कृपा मुझे …
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Shrimad Bhagwat Geeta Mahatmya Adhyay1
एक समय पार्वती जी ने पूछा है महादेव जी किस ज्ञान के बल पर संसार के सब लोग आपको शिव कहकर पूजते हैं। मृगछाला ओढ़े और अपने सभी अंगों में शमशान की विभूति लगाएं, गले में सर्प और नर मुंडों की माला पहने हुए हो। इनमें तो कोई भी पवित्र नहीं, फिर आप किस ज्ञान से पवित्र माने जाते हैं? …
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