इतना मिल गया, इतना और मिल जाए फिर ऐसा मिलता ही रहें – ऐसे धन, जमीन, मकान, आदर, प्रशंसा, पद, अधिकार आदि की तरह बढ़ती हुई वृत्ति का नाम ‘लोभ’ है । जहां लड़ाई होती है, वहां समय, सम्पत्ति, शक्ति का नाश हो जाता है । तरह – तरह की चिंताएं और आपत्तियां आ जाती हैं । दो मित्रों में …
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द्याना प्रेयर
बारहा पीदाम नटवर वपु, करयू करी करम बिबरधा वाडम कनाका कपिशाम, विजयंतिछा मलम रंद्ररा वेणु राधाया सुधया, पुरानयान गोपा वृंडाई व्रडारन्यम स्वपाड़ा रामनाम, प्रविशद गीता कीर्ति याँ रब राजन्तु मनपेठु, द्वापायनो वीरकातुरा यातु . द्वापायनो वीरकातुरा यातु यवा पुत्रेती तन मयता ताराव वेदेना ताम सर्वा भोथा हृदयाँ मुनि मनटोस्मि गोपाल बलम भुवाणिका पालम, संसरा माया मति मोहि जलां यशो विशालम …
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