राधा-रमण हरी गोपाल बोलोगोविंद बोलो हरी गोपाल बोलोजे-जे श्याम…….राधेश्याम, राधेश्याम, राधेश्याम, ओ री ओ मोसे मोरा श्याम रूठा,कहे मोरा भाग फूटाकहे मैने पाप धोए,आँसुवान बीज बोएच्छूप-च्छूप मीयर्रा रोए,दर्द ना जाने कोईजे-जे श्याम……राधेश्याम, राधेश्याम, राधेश्याम, विष का प्याला पीना पड़ा है,मारकर भी मोहे जीना पड़ा हैनैन मिलाए गिरधर से,गिर गई जो अपनी ही नज़र सेरो-रो नैना खोएच्छूप-च्छूप मीयर्रा रोए,दर्द ना जाने …
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