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Tag Archives: granth

चाणक्य

chaanaky

यदि दुनिया में कोई महान राजनीतिज्ञ कभी हुआ था तो वे थे आचार्य चाणक्य, यही कहती है सारी दुनिया और यही मानते हैं सभी लोग। चाहे प्राचीन काल हो या आज का युग, आज भी लोग एक महान राजनीतिज्ञ बनने के लिए आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए उसूलों पर चलना चाहते हैं। यह दुनिया उनसे एक सफल इंसान और बुद्धिमान …

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जानिए सिख धर्म को (Know Sikhism)

Ye Jag Dukh Ka Mela Hai Bhajan

सिख धर्म का उदय गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के साथ होता है। सिख का अर्थ है शिष्य। जो लोग गुरु नानक जी की शिक्षाओं पर चलते गए, वे सिख हो गए। यह धर्म विश्व का नौवां बड़ा धर्म है। भारत के प्रमुख चार धर्मों में इसका स्थान भी है। सिख धर्म की पहचान पगड़ी और अन्य पोशाकों से …

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जानिये तुलसीदास जी के बारे में (Learn about Tulsidas)

Learn about Tulsidas

श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनाई जाती है। इस बार उनकी जयंती 10 अगस्त, बुधवार को है। तुलसीदासजी ने ही श्रीरामचरितमानस की रचना की है। अपने जीवनकाल में उन्होंने 12 ग्रंथ लिखे। उन्हें संस्कृत विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में एक माना जाता है। तुलसीदासजी …

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त्रिपुरुष – विज्ञान

sansaaree - vyavasaayee mein bhed

भगवान कृष्ण ने भगवद्गीता में अपने – आपको अव्यय आत्मा कहा है । इसी अव्ययात्म – स्वरूप का विशेषरूप से स्पष्टीकरण है – लोक में दो पुरुष हैं – एक क्षर, दूसरा अक्षर । इंद्रियों से जो जाने जाते हैं वे सब भूत क्षर हैं, उनमें कूटस्थ – नित्यरूप से रहने वाला – विकृत न होने वाला पुरुष अक्षर कहा …

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कलियुग का पुनीत प्रताप

shankar

कलियुग का एक पुनीत (पवित्र) प्रताप यह है कि इसमें मानसिक पुण्य तो फलदायी होते हैं, परंतु मानसिक पापों का फल नहीं होता । ‘पुनीत प्रताप’ इसलिए कहा गया है कि जिस प्रकार सत्ययुग, त्रेता और द्वापर में मानसिक पापों के भी फल जीवों को भोगने पड़ते थे उस प्रकार कलियुग में नहीं होता । यहीं कलि की एक विशेषता …

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भगवान की एक लीला

chalo man shri vrindavan dham bhajan

पुराणों में भगवान की लीलाओं का वर्णन है । परंतु आजकल इतिहास पुराण ग्रंथों पर से लोगों की श्रद्धा घटती जाती है । उनका पठन – पाठन, उनकी कथा धीरे – धीरे लोप हो रही है । यहीं कारण है कि जनसाधारण में से स्वधर्म का त्रान नष्ट हो रहा है और धार्मिक प्रवृत्ति भी मंद हो गयी है । …

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श्रीकृष्ण और भागवत धर्म

Suni Kanha Teri Bansuri

मनुष्य जीवन का चरम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है । भव बंधन से विमुक्त हो जाना, जीवात्मा का परमात्मा की सत्ता में विलीन हो जाना, आत्मतत्त्व का परमात्मतत्त्व के साथ अभेद हो जाना तथा हृदय के अंतस्तल में ‘वासुदेव: सर्वमिति, सर्वं खल्विदं ब्रह्म’ इत्यादि त्रिकालावाधित सिद्धांतवादियों की दिव्य ज्योति का समुद्भासित हो उठना ही मोक्ष है, यही परम पुरुषार्थ है । …

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कीड़े से महर्षि मैत्रेय

Kire Se maharishi matray story

भगवान व्यास सभी जीवों की गति तथा भाषा को समझते थे । एक बार जब वे कहीं जा रहे थे तब रास्ते में उन्होंने एक कीड़े को बड़े वेग से भागते हुए देखा । उन्होंने कृपा करके कीड़े की बोली में ही उससे इस प्रकार भागने का कारण पूछा । कीड़े ने कहा – ‘विश्ववंध मुनीश्वर ! कोई बहुत बड़ी …

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क्या मरना भी मुहूर्त में ही?

marna

मुहूर्त विज्ञान उपक्रम मे इस बात का उदाहण मिलता है कि यदि मरने का मुहूर्त नहीं बनता था तो वे लोग अपना मरना भी स्थगित कर देते थे। आर्य जाति के गौरवपूर्ण इतिहास ग्रंथ में वर्णन आता है कि महाभारत के संग्राम के समय जब नौ दिन में ही भीष्मजी द्वारा कौरव सेना का संचालन करते हुए पांडवों की आधी …

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हिंदू ग्रंथों की सूची Agama Aranyaka (आरण्यक) Atharva Veda अथर्ववेद Akilathirattu Ammanai Bhagavad Gītā (भगवद् गीता) Bhagavata Purana (भागवत पुराण) Brahmana Brahma Sutras Chandas – (छंदः) Chandogya Upanishad Charaka Samhita: Code of Manu Devi Mahatmya also known as Durgā Saptashatī – 700 verses from Mārkandeya Purana giving an account of the Glory of Devi Devi Bhagavata – One of the Puranas …

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