सभी धर्मों में क्रोध को सर्वनाश का प्रमुख कारण बताया गया है। महाभारत में कहा गया है कि निद्रां तंद्रा भयं क्रोधः आलस्यं दीर्घसूत्रिता। इसलिए आलस्य एवं क्रोध आदि दुर्गुणों को छोड़ने में ही कल्याण है। क्रोध के कारण मानव आवेश में आकर विवेक खो बैठता है तथा उसका दुष्परिणाम कई बार अत्यंत घातक होता है। आचार्य महाप्रज्ञ ने लिखा …
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