कुंजा बिहारी तेरी आरती गाउ हे गिरिधारी तेरी आरती गाउ मोर मुकुट प्रभु शेष पे सोहे प्यारी बंसी मेरो मान मोहे देख छवि बलि हारी मे जौन चरनो से निकली गंगा प्यारी जिसने सारी दुनिया तरी मई उन चर्नो के दर्शन पऔन दस अनाथ के नाथ आप हो दुख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो हरी चर्नो मई शीश जुकाऊ …
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