हे श्याम तेरी महिमा क्या कहकर सुनाऊँ,ताकत नहीं जिव्हा में जो गीत तेरे गाऊँ। पाकर तेरा दर्शन होता है ये चित्त प्रशन्न,दर्शन के झलक से ही खिल जाता है मेरा मन,सब भूलता हूँ दुःख जब चरणों में तेरे आऊं,हे श्याम तेरी महिमा क्या कहकर सुनाऊँ,ताकत नहीं जिव्हा में जो गीत तेरे गाऊँ। जो जीव शरण आएं रंग भक्ति का पाएं,सब …
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