एक बार रामपुर के राजा के मन में एक बात आई। वह जानना चाहते थे कि जो लोग किसी न किसी अपराध के कारण दंडित किए जाते हैं, उनमें सचमुच कोई पश्चाताप की भावना आती है या नहीं। दूसरे दिन वह राजा अचानक अपने राज्य के बंदी गृह में पहुंच गया और सभी कैदियों से उनके द्वारा किए गए अपराध …
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दो भाई के दो अलग रास्ते!!
केरला के एक छोटे से गांव में दो भाई रहते थे। एक का नाम मोहित था, वह शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था। तो दूसरे का नाम मंगल था, वह शराबी था। मंगल गांव में अपने भाई के पैसो से रह रहा था, और पूरा दिन सिर्फ शराब ही पीता रहता था। वह किसी की एक बात नहीं सुनता था। …
Read More »अलसी होने का नतीजा!!
उत्कर्ष बडा ही आलसी लड़का था। वह पढ़ाई में बहुत कमजोर था और अक्सर परीक्षा में फेल हो जाया करता था। अपनी मां से झूठ बोल कर वह पैसे ले लिया करता और मित्रों के साथ घूमता। एक दिन स्कूल छूटने के बाद उत्कर्ष शाम के समय घूमने निकला। उसने सोचा कि पहले में चलकर नाश्ता कर लिया जाए। वह …
Read More »स्कूल की दोस्ती!!
नरेंद्र बिहार के एक छोटे से गांव के सर्वोदय विद्यालय में पढता था। दरअसल नरेंद्र का परिवार दिल्ली शहर का था, क्यों की नरेंद्र के पिता भारतीय सेना में थे इसलिए दो साल पहले ही उसके पिताजी का उस गांव में बदली हुई थी। नरेंद्र पढ़ाई और खेल में बहुत अच्छा था, इसलिए वह उस गांव के विद्यालय में बहुत …
Read More »बुजुर्गों का महत्व!!
बहुत पुरानी बात है। सुंदरगढ़ नामक एक राज्य था। जिसका राजा सुमंत बहुत धनलोलुप था।वह हमेशा यही विचार किया करता था कि किस प्रकार उसका राज्य सबसे धनवान बने।इसके लिए वह नए नए तरीके सोचा करता था। नए नए नियम लागू करता रहता था। उसकी प्रजा भी उससे परेशान रहती थी। एक दिन उसने सोचा कि ये बुजुर्ग लोग उसके …
Read More »खुशियां बांटो, खुश रहो!!
एक नगर में एक सेठ रहता था। वह बहुत कंजूस था। धन के प्रति उसका मोह इतना अधिक था कि वह एक पैसा भी खर्च नहीं करना चाहता था। प्रचुर मात्रा में धन होते हुए भी वह निर्धनों की तरह जीवन व्यतीत करता था। उसका परिवार भी उसकी कंजूसी की आदत से दुखी रहता था। घर में सब कुछ होते …
Read More »इच्छाओं का बंधन!!
एक बार एक सूफी संत अपने शिष्यों के साथ बाजार से जा रहे थे। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति एक गाय की रस्सी पकड़े चला जा रहा है। उन्होंने उसको रोक लिया और अपने शिष्यों से पूछा कि बताओ कौन किसके साथ बंधा है? शिष्यों ने तुरंत उत्तर दिया कि गाय बंधी है इस आदमी के साथ। यह जहां चाहे …
Read More »सुधार की गुंजाइश
एक मूर्तिकार था। उसने अपने बेटे को भी मूर्तिकला सिखाई। दोनों बाप-बेटे मूर्तियां बनाते और बाजार में बेंचने ले जाते। बाप की मूर्तियां तो डेढ़-दो रुपये में बिकती। लेकिन लड़के की मूर्तियां केवल आठ-दस आने में ही बिक पातीं। घर आकर बाप लड़के को मूर्तियों में कमी बताता और उन्हें ठीक करने को कहता। लड़का भी समझदार था। वह मन …
Read More »सच्चा दान!!
महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद महाराज युधिष्ठिर ने एक महान अश्वमेध यज्ञ किया। जिसे सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मणों द्वारा पूर्ण वैदिक विधि-विधान से संपन्न किया गया। उस यज्ञ में धर्मात्मा युधिष्ठिर ने समस्त ब्राह्मणों एवं याचकों को पूर्णतः संतुष्ट किया। युधिष्ठिर द्वारा उस यज्ञ में किये गए दान की चर्चा समस्त भूलोक में छा गयी। सर्वत्र पांडवों की प्रशंसा के स्वर …
Read More »आपस का बैर!!
एक घना जंगल था। जिसमें छोटे बड़े सभी तरह के जानवर रहते थे। जंगल के बीचोबीच एक बड़ा तालाब था। जिसपर सारे जानवर पानी पीने आते थे। सबका पानी पीने का समय तय था। प्रायः सुबह-सुबह छोटे जानवर पानी पीने आते थे। जबकि शाम के समय हाथी, भालू, आदि बड़े जानवर पानी पीने आते थे। दोपहर के समय जंगल का …
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