गर्मियों के दिन थे। एक चींटी अनाज के दाने उठा-उठाकर अपनी बिल में जमा कर रही थी। वह सर्दियों के लिए अपना भोजन इकट्ठा कर रही थी। पास में ही एक टिड्डा, एक छोटे से पौधे पर बैठा हुआ मस्ती में गा रहा था। अचानक टिड्डे की नजर चींटी पर पड़ी तो वह बोला, “तुम इतनी तेज गर्मी में …
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चतुर बिल्ली !!
एक समय की बात है। एक जंगल में एक लोमड़ी शिकार की खोज में भटक रही थी। अचानक उसकी मुलाकात एक जंगली बिल्ली से हुई। दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन किया और फिर आपस में बातचीत करने लगीं। बातों-बातों में लोमडी बोली, “मुझे तो शिकारी कुत्तों से बहुत नफरत है।” “मुझे भी।” बिल्ली ने सहमति जताते हुए कहा। …
Read More »धूर्त भेड़िया और चतुर घोड़ा !!
एक बार एक भेड़िया भोजन की खोज में जंगल में भटक रहा था। दुर्भाग्यवश उसे जंगल में खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला। भोजन की खोज में चलते-चलते वह जंगल के किनारे पहुँच गया, जहाँ एक गाँव बसा हुआ था। जंगल के समीप ही गाँव वालों के खेत थे। भेड़िया कुछ देर इधर-उधर भटकता रहा। तभी भेड़िये ने …
Read More »बच्चों के 13 अनुरोध हैं जो वे कभी नहीं कह सकते हैं:
पूरे दिल से मुझे प्यार करो।मुझे भीड़ में मत डाँटो।भाई, भाई, बहन या किसी और के साथ मेरी तुलना मत करो।मत भूलो, पिता और माता, मैं तुम्हारी फोटोकॉपी हूं।जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे मुझे हमेशा एक बच्चा मत समझिए।मुझे कोशिश करने दें, फिर मुझे बताएं कि क्या यह गलत हैमेरी गलतियों को मत लाओ।मैं आपके लिए पुरस्कारों का क्षेत्र …
Read More »बुद्धिमान यात्री !!
एक यात्री घोड़े पर सवार होकर कहीं जा रहा था। एक जंगल को पार कर समय उसे थकान महसूस होने लगी। इसलिए वह घोड़े से नीचे उतरा एक छायादार वृक्ष के नीचे लेट गया। जल्दी ही उसे नींद आ गई। उसका घोड़ा वहीं पास में चरने लगा। कुछ घंटों बाद यात्री उठा तो उसने देखा कि उसका घोड़ा गायब है। …
Read More »ठग और ब्राह्मण !!
किसी स्थान पर मित्र शर्मा नाम का एक कर्मकांडी ब्राह्मण रहता था। एक दिन दूर के एक गांव में जाकर वह अपने यजमान से बोला-‘यजमान जी ! मैं अगली अमावस्या के दिन यज्ञ कर रहा हूँ । उसके लिए कोई हट-पुष्ट पशु दे दो। यजमान ने उसे एक मोटा-ताजा बकरी का बच्चा दे दिया। रास्ते में बकरी का बच्चा …
Read More »घमंडी गधा !!
एक दिन एक जौहरी एवं एक लौह व्यापारी अपने-अपने गधों पर सवा होकर कहीं जा रहे थे। जौहरी के गधे की पीठ पर रेशम का कपड़ा था और वह स्वर्ण मुद्राओं एवं कीमती जवाहरातों से भरे हुए दो थैले ढो रहा था। वहीं लौह व्यापारी का गधा साधारण था। वह कुछ लोहे की छड़ें ढो रहा था। जौहरी के गधे …
Read More »शरणागत की उपक्षा का फल !!
किसी नगर में चित्ररय नाम का एक राजा रहता था। उसके राज्य में पद्मसर नाम का एक सरोवर या, जिसकी सुरक्षा राजा के कर्मचारी किया करते थे। उस वा में स्वर्णपखी हंस निवास करते थे। वे हंस छ: छः माह के उपरांत अपने स्वर्ण पंख सरोवर में गिराते रहते थे। राजा के कर्मचारी उन पंखों को एकत्रित कर राजा …
Read More »दयालु किसान !!
युद्ध समाप्त होने के बाद राजा की सेना वापस जा रही थी। वे सभी भूखे थे क्योंकि उनकी खाद्य आपूर्ति समाप्त हो गई थी। राजा ने अपने सिपाहियों से अन्न की व्यवस्था करने को कहा। सिपाही पास के एक गाँव की ओर चल दिए। रास्ते में उन्हें एक किसान मिला। सिपाही उससे बोले, “हमें गाँव के सबसे बड़े खेत में …
Read More »तीन चोर !!
तीन चोर थे। एक दिन उन्होंने एक धनी व्यापारी के यहाँ चोरी की। चोरी करने के बाद वे एक घने जंगल में गए और उस धन को आपस में बाँटने लगे। लेकिन उन्हें बड़े जोरों की भूख भी लगी थी। इसलिए उन्होंने आपस में सलाह की कि पहले भोजन की व्यवस्था की जाए, उसके बाद धन बताएंगे। तब …
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