सालों पहले परियों की नगरी में लाल परी रहती थी। कुछ दिनों बाद महल में एक जश्न मनाने के लिए सब तैयार हो गईं। तभी किसी बात पर रानी परी ने लाल परी को महल से बाहर निकल जाने का आदेश दे दिया। इस बात से उदास होकर लाल परी महल से उड़कर धरती पर आकर एक बाग में छिप …
Read More »Tag Archives: Inspirational story for kids
नन्ही परी और राजकुमारी की कहानी !!
किसी जमाने में विक्रमगढ़ नाम का एक राज्य हुआ करता था। उस राज्य के राजा की दो रानियां थीं। बड़ी रानी का रूप सामान्य था, लेकिन छोटी रानी काफी सुंदर थी। इस वजह से राजा छोटी रानी को अधिक प्रेम करता था और वह छोटी रानी की हर बात भी माना करता था। एक दिन छोटी रानी ने राजा से …
Read More »पिनोकीयो की कहानी!!
सालों पहले एक शहर में लकड़ी का सामान बनाने वाला कारपेंटर रहता था, जिसका नाम एंटोनियो था। वो हरदम लकड़ियों से एक-से-बढ़कर एक चीज बनाता था। एक दिन वो यूं ही घूमते हुए जंगल चला गया, वहां उसे एक लकड़ी का टुकड़ा मिला। उसे वो अपने साथ घर ले आया। घर पहुंचकर उसके मन में उस लकड़ी से एक टेबल …
Read More »परी के वरदान की कहानी!!
एक गांव में नंदू नाम का लड़का रहता था, जो अपने माता-पिता की दिल से सेवा करता और उनकी हर बात मानता था। नंदू मन लगाकर पढ़ाई करता था और हमेशा सबकी मदद को तैयार रहता था। गांव के सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे। नंदू के पिता दिन भर फेरी लगाकर सब्जी बेचा करते थे और उसकी मां …
Read More »चोट सही जगह हो,तभी असर करती है!!
ऎक बार एक व्यक्ति गोल्फ सीख रहा था…वो जब भी अपनी स्टिक से बाॅल हिट करता…बाॅल उड़ती हुई होल/पिट से दस बारह मीटर दूर जाकर गिरती… पर ऊसका कोच कहता…”वेरी गुड…वेरी गुड…बस एक दो mm का फर्क है…”ट्रेनी बहुत हैरान…कन्फ्यूज…ऎक बार…दो बार…तीन बार…जब पाँच सात बार कोच ने एसा बोला…तो ट्रेनी बोल पड़ा…”आपको क्या हुआ है कोच सर…क्या आप ठीक …
Read More »गुरुकुल!!
आँखें जहाँ तक देख पाती है और दिमाग जहाँ तक सोच पाता है ये दुनिया ये सृष्टि उससे कहीं आगे तक है। नवजात बच्चे के लिए उसकी दुनिया की परिभाषा अलग होती है उसके देखने का सीमित दायरा रहता है, ऐसे ही जवानी से लेकर बुढ़ापे तक सबका अपना-अपना देखने, सोचने-समझने का सीमित दायरा रहता है. लेकिन इसका मतलब यह …
Read More »जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा!!
जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा, एकदम जर्जर बूढ़ा, तब तू क्या थोड़ा मेरे पास रहेगा? मुझ पर थोड़ा धीरज तो रखेगा न? मान ले, तेरे महँगे काँच का बर्तन मेरे हाथ से अचानक गिर जाए या फिर मैं सब्ज़ी की कटोरी उलट दूँ टेबल पर, मैं तब बहुत अच्छे से नहीं देख सकूँगा न! मुझे तू चिल्लाकर डाँटना मत प्लीज़! …
Read More »भगवान को भेंट
पुरानी बात है, एक सेठ के पास एक व्यक्ति काम करता था। सेठ उस व्यक्ति पर बहुत विश्वास करता था। जो भी जरुरी काम हो सेठ हमेशा उसी व्यक्ति से कहता था।.वो व्यक्ति भगवान का बहुत बड़ा भक्त था। वह सदा भगवान के चिंतन भजन कीर्तन स्मरण सत्संग आदि का लाभ लेता रहता था।.एक दिन उस ने सेठ से श्री …
Read More »व्यक्तिगत अनुभव!!
गर्मी का दिन था।जंगल में एक लकड़बग्घा प्यास से तड़प रहा था ,साथ ही साथ वो पानी के तलाश में जंगल में इधर उधर भटक रहा था।तभी घूमते हुए उसे एक नदी दिखाई पड़ी।दूर से देखने पर नदी में पानी कम लग रहा था फ़िरभी उसने दौड़कर जल्दी से अपनी प्यास बुझाई।भरपेट पानी पीने के बाद लकड़बग्घा मानो तृप्त हो …
Read More »माँ का स्नेह!!
जब हम छोटे थे तब माँ रोटियां एक स्टील के कटोरदान में रखा करती थी। रोटी रखने से पहले कटोरदान में एक कपडा बिछाती वो कपडा भी उनकी पुरानी सूती साड़ी से फाड़ा हुआ होता था।वो कपडा गर्म रोटियों की भाप से गिरने वाले पानी को सोख लेता था, जैसे माँ की साड़ी का पल्लू सोख लेता था, हमारे माथे …
Read More »