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Tag Archives: Inspirational story for kids

सिंहासन बत्तीसी की सोलहवीं कहानी – सत्यवती पुतली की कथा!!

राजा भोज दोबारा सिंहासन पर बैठने के लिए आगे बढ़े। तभी 16वीं पुतली सत्यवती सिंहासन से बाहर आई और राजा भोज को गद्दी पर बैठने से रोकते हुए कहा, “ हे राजन, मैं आपको राजा विक्रमादित्य का एक किस्सा सुनाऊंगी। अगर आपको लगता है कि आप भी उतने ही महान हैं, तो इस सिंहासन पर बैठ जाना।” इतना कहकर 16वीं …

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सिंहासन बत्तीसी की अठारहवीं कहानी – तारामती पुतली की कथा!!

18वीं बार फिर राजा भोज सिंहासन पर बैठने के लिए आगे बढ़ें। उन्होंने सोचा कि इस बार चाहे कुछ भी हो जाए, वो सिंहासन पर बैठकर ही रहेंगे। तभी सिंहासन से 18वीं पुतली तारामती बाहर निकली और राजा भोज को रोकते हुए बोली, “सिंहासन पर बैठने से पहले राजा विक्रमादित्य का यह किस्सा सुनिए।” उसके बाद पुतली तारामती ने कहानी …

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सिंहासन बत्तीसी की 22वीं कहानी – अनुरोधवती पुतली की कथा!!

राजाभोज एक बार फिर सिंहासन की ओर बढ़े और तभी 22वीं पुतली अनुरोधवती वहां पर आ गई। उसने राजाभोज से कहा कि मैं तुम्हें राजा विक्रमादित्य की एक कहानी सुनाऊंगी उसके बाद यह फैसला करना कि आप सिंहासन पर बैठने लायक हो या नहीं। इसके बाद 22वीं पुतली ने कहानी सुनाना शुरू किया। राजा विक्रमादित्य कला प्रेमी थी और अच्छे …

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सवालों का सीधा-सीधा जवाब – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!

एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास आकर बोला, ‘‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?’’‘‘बाग में।’’ बीरबल बोला।वह आदमी थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर संभलकर बोला, ‘‘वह कहां रहता है ?’’ ‘‘अपने घर में।’’ बीरबल ने उत्तर दिया।हैरान-परेशान आदमी ने फिर …

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मुल्ला नसरुद्दीन की कहानी: रोटी क्या है!!

एक बार मुल्ला नसरुद्दीन पर मुकदमा चला कि वह राज्य के लिए खतरा बन सकते हैं। उन पर आरोप था कि वह राज्य में घूम-घूमकर धर्मगुरुओं, प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं और दार्शनिकों के बारे में अफवाह फैला रहे हैं कि इनमें ज्ञान की कमी है और ये सभी अज्ञानी हैं। मुकदमे की कार्रवाई के लिए मुल्ला नसरुद्दीन को दरबार में बुलाया …

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व्यापारी का पतन और उदय !!

वर्धमान नामक शहर में एक कुशल व्यापारी रहा करता था। जब उस राज्य के राजा को उसकी कुशलता के बारे में पता चला, तो राजा ने उसे अपने राज्य का प्रशासक बना दिया। व्यापारी की कुशलता से आम व्यक्ति से लेकर राजा तक सभी बहुत प्रभावित थे। कुछ समय बाद व्यापारी की लड़की की शादी तय हुई। इस खुशी में …

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तेनाली रामा की कहानियां: अपमान का बदला!!

राजा कृष्णदेव राय दूर-दूर तक मशहूर थे। तेनालीराम ने भी राजा कृष्णदेव राय के चर्चे खूब सुने थे। तेनाली ने सुना था कि राजा चतुर और बुद्धिमानों का सम्मान करते हैं। इसलिए, उसने सोचा कि क्यों न राज दरबार में जाकर हाथ आजमाया जाए। लेकिन, इसमें एक अड़चन थी कि बिना किसी बड़ी मदद के वो वहां तक पहुंच नहीं …

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तेनालीराम और मटके की कहानी!!

एक बार की बात है, किसी कारण से महाराज कृष्णदेव राय तेनालीराम से नाराज हो गए थे। वे उनसे इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने कहा, “पंडित तेनालीरामा, अब आप हमें अपनी शक्ल नहीं दिखाएंगे और अगर आपने हमारे आदेश का पालन नहीं किया, तो हम आपको कोड़े मारने का आदेश देंगे।” महाराज की यह बात सुनकर तेनालीराम वहां …

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तेनालीराम की कहानी: मनपसंद मिठाई!!

तेनालीराम हमेशा जवाब देने के अपने नायाब तरीकों के कारण जाने जाते थे। उनसे कोई भी सवाल पूछा जाए, वह हमेशा एक अलग अंदाज के साथ जवाब देते थे, फिर चाहे वो सवाल उनकी मनपसंद मिठाई का ही क्यों न हो। आइए, जानते हैं कि कैसे तेनालीराम ने अपनी मनपसंद मिठाई के पीछे महाराज कृष्णदेव राय की कसरत करवा दी। …

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तेनालीराम की कहानी: दूध न पीने वाली बिल्ली!!

दक्षिण भारत के विजयनगर में राजा कृष्णदेव राय का राज था। एक बार विजयनगर में चूहों ने बहुत तबाही मचाई, जिससे पूरी प्रजा परेशान थी, क्योंकि चूहे आए दिन किसी के कपड़े कुतर जाते, तो किसी की फसल और अनाज को नुकसान पहुंचाते। इससे परेशान होकर एक दिन पूरी प्रजा राजा कृष्णदेव राय के दरबार में पहुंची और उनकी समस्या …

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