महात्मा गांधी समय के बड़े पाबंद थे। एक बार उन्हें एक सभा में भाषण देने का निमंत्रण मिला। निमंत्रण देने वाले सज्जन ने ठीक साढ़े तीन बजे गांधी जी को लेने के लिए आने का वादा किया। अगले दिन अपनी आदत के अनुसार गांधी जी ठीक साढ़े तीन बजे तैयार हो गए, पर कोई उन्हें लेने के लिए नहीं आया। …
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