पञ्चतंत्र की ये कहानियाँ कब और क्यों लिखीं गईं ,इसके पीछे एक अत्यंत रोचक इतिहास है। कहते हैं कि प्राचीन काल में पाटलीपुत्र में ; जो आज पटना के नाम से विख्यात है, एक सुदर्शन नाम का अत्यंत गुणी राजा राज्य करता था।एक दिन उस राजा ने किसी कवि के द्वारा पढ़े जाते हुए दो श्लोक सुने जिनका भाव कुछ …
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राजा रंतिदेव
भारतवर्ष नररत्नों का भंडार है । किसी भी विषय में लीजिए, इस देश के इतिहास में उच्च – से – उच्च उदाहरण मिल सकते हैं । संकृति नामक राजा के दो पुत्र थे, एक का नाम था गुरु और दूसरे का रंति देव । रंतिदेव बड़े ही प्रतापी राजा हुए । इनकी न्यायशीलता, दयालुता, धर्मपरायणता और त्याग की ख्याति तीनों …
Read More »भगवान श्रीकृष्ण और भावी संसार
भरतखण्ड का इतिहास महाभारत की ही शाखा है । महाभारत का अर्थ है महान भारतवर्ष । हमलोग भारतवर्ष को महान देखना चाहते हैं । महाभारत के समय से ही धर्मराज्य की स्थापना के लिये संग्राम जारी है । भगवान श्रीकृष्ण का जिस समय अवतार हुआ, उस समय यह संग्राम जोरों पर था । भगवान श्रीकृष्ण का अवतार एक विशेष …
Read More »क्या मरना भी मुहूर्त में ही?
मुहूर्त विज्ञान उपक्रम मे इस बात का उदाहण मिलता है कि यदि मरने का मुहूर्त नहीं बनता था तो वे लोग अपना मरना भी स्थगित कर देते थे। आर्य जाति के गौरवपूर्ण इतिहास ग्रंथ में वर्णन आता है कि महाभारत के संग्राम के समय जब नौ दिन में ही भीष्मजी द्वारा कौरव सेना का संचालन करते हुए पांडवों की आधी …
Read More »गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा राष्ट्रीय विस्तृत त्योहार है जो इस दुनिया में गुरु के प्रति समर्पित है। गुरु शब्द शिक्षक जो एक नौसिखिया के लिए कुछ भी सिखाता है के लिए प्रयोग किया जाता है। यदि हम प्राचीन समय से संबंधित, टी वास्तव में गुरु व्यास ने लिखा 4 वेदों की पूजा की जाती है। लेकिन आज के समय में, यह …
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