वो छैल छबीलो,रंग भरी पिचकारी साथ में लायो,जब खेलने होली लेकर टोली,बरसाने में आयो… लाख करी कोशिश मुझे,पर टच नहीं कर पायो वो,बने सयाना बड़ा ही लेकिन,रंग लगा नहीं पाया वो,अपनी अंगुली पर मैंने तो,कल उसको खूब नचायो,जब खेलने होली लेकर टोली,बरसाने में आयो….. फ़ैल हुआ एक प्लान जो उसका,दूजी उसने चाल चली,चुपके से पीछे से आकर,मेरी बहियाँ थाम ली,मेरी …
Read More »