Breaking News

Tag Archives: janam

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

main jee raam ratan dhan paayo mila

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो | वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु | कृपा कर अपनायो || जन्म जन्म की पूंजी पाई | जग में सबी खुमायो || खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे | दिन दिन बढ़त सवायो || सत की नाव खेवटिया सतगुरु | भवसागर तरवयो || मीरा के प्रभु गिरिधर नगर | हर्ष हर्ष जस गायो …

Read More »

मेरे मन में है राम मेरे तन में है राम

Parbhu Ji Tum Chandan hm pani bhajan

मेरे मन में है राम, मेरे तन में है राम । मेरे नैनो की नगरिया में राम है ॥ मेरे रोम रोम के है राम ही रमिया, साँसों के स्वामी, मेरी नैया के खिवैया। कण कण में हैं राम, त्रिभुवन में हैं राम, नीले नभ की अटरिया में राम है॥ जनम जनम का जिन से है नाता, मन जिन के …

Read More »

मुझको राधा रमन करदो ऐसा मगन

dasha mujh deen kee bhagavan sambhaaloge to kya hoga

मुझको राधा रमन, करदो ऐसा मगन, रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम । करुणानिधान मोपे कृपा कर रिझिए, बृज में बसाके मोहे सेवा सुख दीजिए । प्रेम से भरदो मन, गाउँ तेरे भजन, रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम ॥ भाव भरे भूषणो से आपको सजाऊँ मैं, नितनव् भोज निज हाथों से पवाऊं मैं । करो जब तुम शयन, दाबू …

Read More »

रसना राधे राधे गा

sansaaree - vyavasaayee mein bhed

रसना राधे राधे गा राधे राधे गाकर, जग में जीवन सफल बनाराधा नाम अमोलक प्यारे जनम जनम के कष्ट निवारे तू भी जपले, तू भी रटले, तू भी गाले, श्री राधा रसना राधे राधे गा राधा नाम सदा सुखदायी जो गावे उसे मिले कन्हाई मैं भी गावउँ, तुम भी गावो, सब मिल गावो श्री राधा रसना राधे राधे गा… राधा …

Read More »

जन्म और मृत्यु क्यों ?

Maiya Yashoda Jb Kahe Makhan chor hai gaval Story

सृष्टि में तीन प्रश्न महत्त्वपूर्ण हैं – हम क्यों जन्म लेते हैं ? हम कैसे जन्म लेते हैं ? मृत्यु के पश्चत हम कहा जाते हैं और कैसे रहते हैं ? वेदांत में इनका एक ही उत्तर है – जिसमें ये तीनों बातें विलीन हो जाती हैं उसे जानो । वह क्या है ? कौन है ? वह ब्रह्मा है …

Read More »

आरोग्य – सुभाषित – मुक्तावली

aarogy - subhaashit - muktaavalee

सुख – दु:ख का कर्ता व्यक्ति स्वयं ही होता है, ऐसा समझकर कल्याणकारी मार्ग का ही अवलंबन लेना चाहिए, फिर भयभीत होने की कोई बात नहीं । परीक्षक – विवेकीजन ठीक – ठाक परीक्षा करके हितकर मार्ग का सेवन करते हैं, परंतु रजोगुण और तमोगुण से आवृत बुद्धिवाले लौकिक मनुष्य (हिताहितका विचार न करके तत्काल) प्रिय (मालूम होने वाले आचार …

Read More »

जानम जानम से तुम हो स्वामी

bhagavaan meree naiya us paar laga dena

मैं हूँ चरण की दासी आई शरण में हे गुरु ज्ञानी गुरु दर्शन की प्यासी…. सावन तुम हो बूँद मैं टुंरी.. सागर तुम हो ल़हेर मैं टुंरी जानम जानम… जीवन तुम हो प्राण मैं जिसकी… भजन जो तुम हो लाई हू मैं उसकी जानम जानम… रवि तो तुम हो किरण मई टुंरी…. शंकर तुम हो गाना हूँ मैं टुंरी जानम …

Read More »

सावरा महरीप्रीत निभा जो जी

Suni Kanha Teri Bansuri

ओह प्रीत निभा जो मारी प्रीत निभा जो… हे चू मारा गुना रा सागर औगना म्हरूम माटी जज्यो जी लोकना धीजे म्हारो…माना ना पतिजई मुक़ुदा जो शभाढ़ सुनोज्यो जी मेतो दासी जानम जानम की म्हारे अंगना रमता अज्यो जी मीयर्रा के प्रभु गिरिधर नगर बेड़ा पार लगा जोजी [To English wish4me] Oh preet nibha jo mari preet nibha jo… He …

Read More »

दिल के हर धड़कन से, तेरा नाम निकलता है

krishna

तेरे दर्शन को मोहन, तेरा दस तरसता है जानम मो से जानम लेकर, मे हार गया मोहन दर्शन बिन व्यर्थ हुवा, हर भार मेरा जीवन क्या खेल सजाया है, मोहोरो की तारा हुमको क्या खूब नचाया है, खत पुतली सा हुमको ई खेल तेरे प्यारे, बस तूही समजता है यह दिल पुकारता है, एक भर चले आऊ दर्शन देखार प्यारे, …

Read More »

बधैया बाजे

badhaiya baaje

बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे .. राम, लखन, शत्रुघन, भरतजी, झूलें कंचन पालने में . बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे .. राजा दसरथ रतन लुटावै, लाजे ना कोउ माँगने में . बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे .. प्रेम मुदित मन तीनों रानी, सगुन मनावैं मन ही मन में . बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे .. राम …

Read More »