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Tag Archives: janm

चाणक्य नीति: नवां अध्याय (Chanakya Niti eighth chapter)

chaanaky

तात, यदि तुम जन्म मरण के चक्र से मुक्त होना चाहते हो तो जिन विषयो के पीछे तुम इन्द्रियों की संतुष्टि के लिए भागते फिरते हो उन्हें ऐसे त्याग दो जैसे तुम विष को त्याग देते हो. इन सब को छोड़कर हे तात तितिक्षा, ईमानदारी का आचरण, दया, शुचिता और सत्य इसका अमृत पियो. वो कमीने लोग जो दूसरो की …

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पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय |

beet gaye din

  कहे कबीरा कहे कबीरा पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय पंडित भया न कोय ॥ कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय पढ़े सो पंडित होय ॥ कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे …

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मैं सबसे तेज दौड़ना चाहती हूँ ! (I want to run the fastest!)

I want to run the fastest!I want to run the fastest!

विल्मा रुडोल्फ का जन्म टेनिसी के एक गरीब परिवार में हुआ था. चार साल की उम्र में उन्हें लाल बुखार के साथ डबल निमोनिया हो गया , जिस वजह से वह पोलियो से ग्रसित हो गयीं. उन्हें पैरों में ब्रेस पहनने पड़ते थे और डॉक्टरों के अनुसार अब वो कभी भी चल नहीं सकती थीं.लेकिन उनकी माँ हमेशा उनको प्रोत्साहित करती रहतीं और …

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कर्मयोग

Agar shyam ksunder ka shera na hota

जन्म – जन्मांतर में किये हुए शुभाशुभ कर्मों के संस्कारों से यह जीव बंधा है तथा इस मनुष्य शरीर में पुन: अहंता, ममता, आसक्ति और कामना से नए – नए कर्म करके और अधिक जकड़ा जाता है । अत: यहां इस जीवात्मा को बार – बार नाना प्रकार की योनियों में जन्म – मृत्युरूप संसारचक्र में घुमाने के हेतुभूत जन्म …

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जन्म – कर्म

Abhimanu Mahabharat Mahakavye

भगवान के जन्म – कर्म की दिव्यता एक अलौकिक और रहस्यमय विषय है, इसके तत्त्व को वास्तव में तो भगवान ही जानते है अथवा यत्किंचित उनके वे भक्त जानते हैं, जिनको उनकी दिव्य मूर्ति का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ हो, परंतु वे भी जैसा जानते हैं कदाचित वैसा कह नहीं सकते । जब एक साधारण विषय को भी मनुष्य जिस प्रकार …

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कैसे वृंदा ने लिया तुलसी का रूप

Kaise Varinda Ne Liya Tulsi Ka Roop Story

पौराणिक कथा के अनुसार एक बड़ी ही सुशील कन्या थी। नाम था वृंदा। उसका जन्म राक्षस कुल में हुआ था लेकिन वृंदा बचपन से ही भगवान विष्णु जी की परम भक्त थी। बड़े ही प्रेम से भगवान की पूजा किया करती थी। जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया, जलंधर समुद्र …

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