मनुष्य जीवन का लक्ष्य क्या है ?मनुष्य का वर्तमान जीवन बड़ा अनमोल है क्योंकि अब संगमयुग में ही वह सर्वोत्तम पुरुषार्थ करके जन्म-जन्मान्तर के लिए सर्वोत्तम प्रारब्ध बना सकता है और अतुल हीरो-तुल्य कमाई कर सकता है I वह इसी जन्म में सृष्टि का मालिक अथवा जगतजीत बनने का पुरुषार्थ कर सकता है I परन्तु आज मनुष्य को जीवन का लक्ष्य मालूम न होने के …
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कर्मयोग
जन्म – जन्मांतर में किये हुए शुभाशुभ कर्मों के संस्कारों से यह जीव बंधा है तथा इस मनुष्य शरीर में पुन: अहंता, ममता, आसक्ति और कामना से नए – नए कर्म करके और अधिक जकड़ा जाता है । अत: यहां इस जीवात्मा को बार – बार नाना प्रकार की योनियों में जन्म – मृत्युरूप संसारचक्र में घुमाने के हेतुभूत जन्म …
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