दोहा: अपने हरि को हम दूंढ लीओ, जिन लाल अमोलक लाख मे | हरि के अंग अंग मे नरमी है जितनी, नरमी नाही वैसी माखन मे || छवि देखत ही मै तो झाकी रही, मेरो चित चुरा लीओ झांकन मे | हियरा में बसो, जियरा में बसो, प्यारी-प्यारे बसो दऊ आखन में || लाडली-लाल बसो, श्यामा-श्याम बसो दऊ आंखन में …
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पिया सों मिलन कैसे होय री
हरे कृष्ण हरे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण मैं जानूँ नहीँ पिया सों मिलन कैसे होय री कृष्ण कृष्ण कृष्ण हर आहट पे सोच लेती आये होंगे सांवरियां धड़ धड़ धड़के लागे जियरा लूंगी उनकी खबरिया आये नाहिं संवरिया मैं जानूँ नहीँ पिया सों मिलन कैसे होय री हरे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण मन ही मन …
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