भावना की ज्योत को जगा के देख ले बोलती है मूर्ती,बुला के देख ले सौ बार चाहे आजमा के देख ले बोलती है मूर्ती,बुला के देख ले आओ माँ…आओ माँ… आओ माँ…आओ माँ… करोगे जो सवाल तो जवाब मिलेगा यहां पुण्य-पाप सबका हिसाब मिलेगा भले-बुरे सबको पहचानती है माँ खरी-खोटी सबकी ही जानती है माँ श्रद्धा से सर को झुका …
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कौन कहता है माँ की ज्योत नहीं बोलती
जय माँ, जय जय माँ जय माँ, जय जय माँ कौन कहता है माँ की ज्योत नहीं बोलती, श्रद्धा से इसको बुलाने वाला चाहिए, ज्योत से ज्योत को मिलाने वाला चाहिए । भावना से इसको पुकार तो देखिए, अँखिओं के शीशे में उतार कर तो देखिए । सच्च की आवाज में आवाज यह मिलायेगी, सोया जो तूं नींद में, है …
Read More »थोड़ा ध्यान लगा साईं दौड़े दौड़े आएंगे
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे। अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे॥ हैं राम रमिया वो, हैं कृष्ण कन्हैया वो, वही मेरा साईं है। सत्कर्म राहों पे चलना सीखते वो, वही जगदीश हैं। प्रेम …
Read More »प्रभु जी ! तुम चंदन हम पानी
जाकी अंग-अंग बाज़ सामानी प्रभु जी ! तुम धनवान हम मुरा जैसे चितवाट चंद्रा चकोरा प्रभु जी ! तुम . हम बाटी जाकी ज्योत बारे दिन राती प्रभु जी ! तुम मोटी हम धागा जैसे सोने मे मिलत सुहागा प्रभु जी ! तुम स्वामी हम दासा ऐसी भक्ति कर रे डासा प्रभु जी ! तुम चंदन हम पानी ज़की अंग-अंग …
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