तेरा गुआन हम भी गायांगे मुकुट सिर मूर पंकना का मेकर कुंडला है कानू मे ||मुकुट|| मनोहर रूप मोहन की…..2 डेक ढील तोड़ी जाएँगे || प्रीत हमसे लगा करके बिसरा नंद नँडणे ||प्रीत|| कपा क्या होगआई हमसी आराज़ आब भी सुना एनगीए…|| खाबी फ्िए आए गोकुल मे ह्यूम दर्शन दिलाएँगे ओह ब्रह्मा नंदा हम दिल से नही हम उनको बुलाएँगे…..|| …
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