कंस ने दूसरे दिन अपने दरबार में मंत्रियों को बुलवाया और योगमाया की सारी बातें उनसे बतायीं। कंस के मंत्री दैत्य होने के कारण स्वभाव से ही क्रूर थे। वे सब देवताओं के प्रति शत्रुता का भाव रखते थे। अपने स्वामी कंस की बात सुनकर उन सबों ने कहा- ‘यदि आपके शत्रु विष्णु ने कहीं और जन्म ले लिया …
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