ऐसे आस्यू आए कोटि मेरे कार्मधर्म पवन मुझे बनाए गुरु चरणाम में बस गयो मोछित नमन करू में पल पल नित नित इन चरनाम की महिमा अपारा झरात झरात छूटे संसारा चलत चलावाट जाए हरी चिट नमन करू में पल पल नित नित इन चरनाम को पराई दुर्लभ मोक्षा द्वार ये कहट गुणी सब किशन हुई हरी किरपा बहुइत नमन …
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