महाभारत की एक बहुत अच्छी कहानी – बहुत प्रासंगिक कर्ण कृष्ण से पूछता है – “मेरी माँ ने मुझे पल जन्म दिया था। क्या यह मेरी गलती है कि मैं एक नाजायज बच्चे का जन्म हुआ? मुझे ध्रुवचर्या से शिक्षा नहीं मिली क्योंकि मुझे गैर क्षत्रिय माना जाता था। परशुराम ने मुझे सिखाया लेकिन तब मुझे क्षत्रिय होने के बाद …
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हतोत्साहित मन होता है पराजय की पहली सीढ़ी
महाभारत का युद्ध चल रहा था। एक ओर अर्जुन थे, जिनके सारथी थे ‘श्री कृष्ण’। तो दूसरी ओर कर्ण थे और उनका सारथी ‘शल्य’। भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण के सारथी से कहा- ‘तुम हमारे विरुद्ध जरूर लड़ना पर मेरी एक बात जरूर मानना।’ जब कर्ण प्रहार करे तब कहना कि, ‘यह भी कोई प्रहार होता है, तुम प्रहार करना …
Read More »करता राहु गुणगान मुझे दो ऐसा वरदान
karta-rahu-gungaan-mujhe-aisa-vardaan-krishna-bhajan करता राहु गुणगान मुझे दो ऐसा वरदान, तेरा नाम लेते लेते इस तंन से निकले प्राण, करता राहु गुणगान मुझे दो ऐसा वरदान, तेरा नाम लेते लेते इस तंन से निकले प्राण, तेरी दया से आ मनमोहन मैने ये नर तंन पाया, तेरी सेवा में बाधाए डाले जाग की मो माया, तेरी दया से आ मनमोहन मैने ये नर …
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